प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस का रिश्ता ऐसा है, पुरानी सोच को चैलेंज करता है। ऐज में बड़ा गैप, अलग-अलग धर्म, परवरिश में अंतर, अलग-अलग संस्कृति से आना जैसी चीजों के बावजूद इनके बीच जबरदस्त स्ट्रॉन्ग बॉन्ड देखने को मिलता है। इसके पीछे इनका प्यार और आपसी समझ व सम्मान के साथ ही एक खास वजह भी है। आइए जानते हैं आखिर क्यों है इनका रिश्ता इतना खास…
पति में दिखती है इनकी झलक
प्रियंका चोपड़ा हमेशा ही अपनी रिलेशनशिप को लेकर खुलकर बात करती आई हैं। उन्हें डेटिंग से लेकर रिलेशनशिप स्ट्रगल्स तक के बारे में बातें शेयर करते देखा गया है, जो दूसरों को अहसास करवाता है कि वह भी आम लोगों जैसी ही हैं। ऐसी ही एक बात से उन्होंने पॉडकास्ट के जरिए भी बताई थी। इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें निक में अपने पिता अशोक चोपड़ा की झलक नजर आती है।
पिता से मिलती हैं ये खूबियां
ऐक्ट्रेस ने बताया कि निक उनके पिता की तरह ही पार्टी की जान हैं और हमेशा दोस्तों से घिरे रहते हैं। वह मेहनती, दयालु और चीजों को सोच-समझकर करने व निर्णय लेने वाले व्यक्ति हैं, जो प्रियंका को अपने पिता की याद दिलाता है। निक जिस तरह से हमेशा पीसी को सपोर्ट करते हैं, वह खूबी भी अशोक चोपड़ा से मिलती है। ऐक्ट्रेस ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उन्होंने अपने पिता की छवि से शादी की है, जिसके कारण वह पति के साथ बिताए हर पल को खास मानती हैं।
साथी में पैरंट्स की छवि तलाशते हैं लोग
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स की मानें, तो लड़कियां जहां अपने जीवनसाथी में पिता से मिलती खूबियां ढूंढती हैं, वहीं लड़के ऐसी लड़कियों की ओर आकर्षित होते हैं जिनकी खूबियां उनकी मां से मिलती हैं। इसके पीछे का बड़ा कारण लगाव, केयर और प्यार है, जो उन्हें अपने पैरंट्स से मिला होता है। ये चीजें उनके लिए एक बेंचमार्क सेट करती हैं, जिसके आधार पर वे अपने जीवनसाथी को चुनते हैं। जब निक जोनस से पहली मुलाकात के बाद ही बुरी तरह नाराज हो गई थीं प्रियंका चोपड़ा
पिता से हो अच्छी बॉन्डिंग
एक स्टडी के मुताबिक, जो लड़कियां अपने पिता के साथ अच्छा और फ्रेंडली बॉन्ड शेयर करती हैं, वे शादी या जीवनसाथी ढूंढने को लेकर जल्दबाजी नहीं करतीं। साथ ही में वे किसी के साथ रिलेशनशिप में भी जल्दी नहीं आती हैं। ऐसी लड़कियां इस बात को लेकर ज्यादा सजग होती हैं कि उन्हें अपने साथी या फिर रिश्ते से क्या चाहिए? यह उन्हें बेहतर पार्टनर चुनने और ट्यूनिंग न जमने पर कठोर फैसला लेने में मदद करता है।