आधुनिकीकरण बढ़ रहा है उस तरह हमारे किसान मोती की भी खेती कर रहे हैं। आज की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे जो बाल्टी में मोती उगाते हैं और यह इससे लाखों का मुनाफा भी कमा रहे हैं। इनके मोती विदेशों में भी मशहूर है।

केजे माथचन

65 वर्षीय केजे माथचन केरल से हैं। वह अपने आंगन में ही बाल्टी में मोती को उगा रहे हैं और इससे वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। वह प्रत्येक वर्ष लगभग 50 बाल्टी से भी ज्यादा मोतियों को उगाते हैं। उनके मोती विदेशों में बिकने के लिए जाते हैं जैसे अरब, स्विट्जरलैंड, आस्ट्रेलिया आदि। अपने जॉब के दौरान जब उन्हें तीन जाने का मौका मिला वहां वह मत्स्य अनुसाधन केंद्र में गए। वह हमेशा से हीं मत्स्य पालन क्षेत्र में रुचि रखते थे।

उन्होंने इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करनी चाही। इसी दौरान उन्हें पता चला कि वहां मोती उत्पादन कैसे किया जाता है?? इसका डिप्लोमा कोर्स कराया जा रहा है। तब उन्होंने सोंचा कि या कुछ नया है तो मैं इसे क्यों ना ट्राई करुं??

 आख़िर कैसे उगातें हैं बाल्टी में मोती

उन्होंने यह जानकारी दिया कि मोती के तीन प्रकार होते हैं। एक होता है संवर्धित दूसरा कृत्रिम और तीसरा प्राकृतिक। वो जिन मोतियों को उगाते हैं वह मोती संवर्धित मोती होता है। इसकी खेती बहुत ही आसानी तरीके से की जा सकती है। इसके लिए उन्होंने बताया कि यह नदियों से जो सीप लाते हैं उन्हें बहुत ही ध्यान में रखकर खोलते हैं फिर उन्हें जीवाणु युक्त बर्तन में लगभग 15 से 20 डिग्री तापमान के गर्म पानी में रखते हैं।

लगभग 2 वर्षों के करीब में नाभिक, यह जो मोती होता है उसके सीप में कैल्शियम कार्बोनेट इकट्ठा हो जाता है और वह एक मोती के थैले के रूप में परिवर्तित हो जाता है। इस मूर्ति पर लगभग कोटिंग की 540 परतें उपलब्ध होती है उसके बाद वह एक मोती के रूप में बनकर तैयार होता है।

नारियल, आम की भी करतें हैं खेती

उन्होंने यह जानकारी दिया कि हमारे यहां सिंथेटिक कोटिंग करके कृत्रिम मोती को इस तरह बनाया जाता है कि जिससे वह असली दिखे। अगर आप एक असली मोती खरीदते हैं तो वह लगभग 18 सौ रुपए प्रति ग्राम के हिसाब से होगा लेकिन यह कृत्रिम मोती बहुत ही कम कीमत में मिल जाता है। वह सिर्फ मोती की खेती नहीं करते बल्कि यह नारियल वनीला और आम को भी उगाते हैं। वह अन्य व्यक्ति को भी इस खेती की सलाह देते हैं।

ऑनलाइन ट्रेनिंग देने लगे

जिस तरह इस लॉकडाउन में हर कोई को परेशानी हुई है उस तरह उन्हें भी थोड़ी परेशानी हुई। जब उन्होंने देखा कि उनका बिजनेस मंदा पड़ रहा है तो उन्होंने कुछ अलग करने का निश्चय किया। तब उन्होंने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की और सीप को किस तरह उगाएं इसकी ट्रेनिंग देने लगे। उनका यह प्रयास सफल हुआ और बहुत से व्यक्ति उनके इस क्लास की तरफ ध्यान आकर्षित कर पाए। बहुत से लोगों ने इसकी खेती भी शुरू की।

Supriya Singh

मेरा नाम सुप्रिया सिंह है और मै INDIA NEWS INC में लेखक के पद पर कार्यरत हूँ, मुझे मनोरंजन...