समाज सेवा या दूसरों की मदद करने को लेकर अक्सर लोगों द्वारा कई तरह की बात की जाती है। कभी पैसों का अभाव , कभी समय का अभाव तथा और कई तरह की बातें बनाई जाती हैं लेकिन दूसरों की मदद करना आपके लगन, समर्पण और प्रयास से संभव हो पाता है। आज बात एक ऐसे नवयुवक की करने जा रहे जो चाय बेचते हैं। वो कम आमदनी के पैसों से गरीबों और बेघर लोगों को खाना खिलाते हैं।

घर पर हीं बनाते हैं चाय

तमिलनाडु के मदुरै स्थित अलंगनल्लूर में रहने वाले तमिलारसन बेहद नेक दिल इंसान हैं। तमिलारसन एक चाय विक्रेता हैं। आर्थिक रूप से कमजोर तमिलारसन के पास चाय की कोई दुकान नहीं है और नाहीं कोई जगह है जहाँ पर वे चाय बेच सकें। जगह और पूँजी के अभाव में वे घर पर हीं चाय बनाते हैं और उसे कन्टेनर में भरकर अपनी साईकिल पर लोड करते हैं और निकल पड़ते हैं, हर उस स्थानों पर जहाँ उनकी चाय बिक सकती है।

अपने पैसों से गरीब और बेघर लोगों को खिलाते हैं खाना

आज जब कोरोना की भयंकर महामारी में कई लोगों की नौकरियां छीन गई हैं , गरीब लोगों को कुछ हद तक मिलने वाला रोजगार भी बन्द है ऐसे गरीब और फूटपाथ पर रहने वालों के सामने जीविकोपार्जन की समस्या आन पड़ी है। ऐसे में तमिलारसन अपने चाय के बेहद छोटे से व्यापार से होने वाली छोटी सी आमदनी का बड़ा हिस्सा गरीब व बेघर लोगों को खाना खिलाने में लगा देते हैं।

तमिलारसन का अपने कम आमदनी के बावजूद जरूरतमंदो को खाना खिलाने का प्रयास वाकई एक प्रेरणा है, जो यह बतलाता है कि अगर तमिलारसन जैसे कम आमदनी वाले लोग जब गरीबों और बेघर लोगों को खाना खिला सकते हैं, तो अन्य कई लोग तो काफी पैसे वाले हैं अगर उनके द्वारा प्रयास किए जाएं तो स्थिति काफी बेहतर हो सकती है।

आमदनी के एक हिस्से को भी रिजर्व किया

मैं अलनानल्लूर , मेट्टूपट्टी और पुदुपट्टी के आस-पास के गाँवों में साईकिल से चाय बेचता हूँ, जिससे मुझे अच्छी आमदनी होती है। जब भी मैं चाय बेचता हूँ, मैं इसे गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त देता हूँ जो सड़क किनारे और मन्दिर के द्वार के पास रहते हैं। मैंने अपनी आमदनी के एक हिस्से को भी रिजर्व कर दिया है जो उन्हें दिन में तीन बार खिलाने में खर्च होता है।

तमिलारसन का सपना इलाके में उनकी एक दुकान हो

तमिलारसन का सपना है कि उस इलाके में उनकी एक दुकान हो जिससे समाज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सेवा की जाए। चूकि तमिलारसन की भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए उन्होंने दुकान खोलने के लिए एक बैंक में लोन हेतु अर्जी दी थी जिसे उस बैंक ने अस्वीकार कर दी।

Supriya Singh

मेरा नाम सुप्रिया सिंह है और मै INDIA NEWS INC में लेखक के पद पर कार्यरत हूँ, मुझे मनोरंजन...