सोने-चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट पाई जा रही है। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिनों में भी शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट जारी। शुक्रवार को सोने की कीमतों में 102 रुपये की गिरावट आई। जिसके बाद सोने का भाव 48,594 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। वहीं चांदी की कीमतों में भी 16 रुपये की गिरावट आई जिसके बाद चांदी 62,734 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई है। 7 से 11 दिसंबर के बीच सर्राफा बाजारों में सोने की कीमतों में 270 रुपये प्रति 10 ग्राम की और चांदी में 832 रुपये प्रति किलो गिरावट दर्ज़ की गई।
वायदा बाजारों में सोने की कीमत
वायदा कीमतों में फरवरी डिलीवरी का सोना गुरुवार को 49077 रुपये के भाव और शुक्रवार को 213 रुपये की बढ़त के साथ 49290 रुपये पर बंद हुआ था। जो कि 49150 रुपये पर खुला। अप्रैल डिलीवरी वाले सोने की कीमत भी 177 रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ 49330 रुपये पर रही। वहीं मार्च डिलीवरी वाली चांदी भी 70 रुपये की बढ़त में 63600 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक, दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में 102 रुपये की गिरावट आई, इससे यह दम 48,594 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। इसके अलावा पिछले कारोबारी सत्र में सोने का भाव 48,696 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। वहीं चांदी भी मामूली गिरावट के साथ 62,734 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,836 डॉलर प्रति औंस और चांदी 23.92 डॉलर प्रति औंस पर रहा।
अगस्त में सोने की कीमतों ने तोड़े थे रिकॉर्ड
एमसीएक्स पर सोना 7 अगस्त को 56254 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा था, जबकि चांदी 76008 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी इसके बाद धीरे-धीरे काफी गिरावट भी आई। जिसके बाद शुक्रवार को सोने की कीमत 49290 प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 63600 रुपये प्रति किलो तक बंद हुई। सोने की कीमतें बढ़ने के बावजूद भी गहनों की बिक्री अक्टूबर से ज्यादा नवंबर में हुई।
जानकारी के मुताबिक नवंबर में 16% आभूषणों की बिक्री बढ़ी। त्योहारी मौसम के मुकाबले सोने के गहनों की प्रति ग्राहक औसत बिक्री 70% घटी भी है। इसके अलावा लोगों ने छोटे और हल्के आभूषण ज्यादा खरीदे।
इस वजह से आई सोने की कीमतों में गिरावट
कोरोना वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरें आने के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो ग्लोबल इकोनॉमी में सुधार और अमेरिका चीन के बीच तनाव कम होने से निवेशकों में सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख हुआ। इस वजह से आने वाले भविष्य में कीमतें बढ़ भी सकती हैं। साल 2014 में सीरिया पर जब अमेरिका का खतरा आया था, तो सोने के दाम काफी बड़े थे। इसके अलावा ईरान में अमेरिका का तनाव बढ़ने के बाद भी सोने की कीमतें बढ़ी थी।