कर्नाटक के बेंगलुरु में अन्नपूर्णेश्वरी नगर के उप निरीक्षक कुछ प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को फ्री में शिक्षा देकर मिसाल कायम कर रहे हैं। लोग उनके इस तरह के कार्य को काफी सराहना कर रहे हैं। उप-निरीक्षक शांथप्पा जीदमनव्वर उन प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाते हैं, जिनके पास ऑनलाइन कक्षा में भाग लेने के लिए कोई भी स्मार्टफोन या लैपटॉप जैसी चीजें नहीं है। उप निरीक्षक द्वारा किए गए इन कार्यों के लिए उनकी लोग तारीफें कर रहे हैं। उन्हें लोग रियल सिंघम कह रहे हैं। इन बच्चों को पढ़ा लिखाकर आईएएस, आईपीएस ऑफिसर बनाना चाहते हैं।
काम पर जाने से पहले बच्चों को पढ़ाते हैं
शांथप्पा ड्यूटी पर जाने से पहले रोज बच्चों को पढ़ाते हैं। सड़क के किनारे बोर्ड लगाकर बच्चों को जमीन पर बिठाकर वह फ्री में शिक्षा दे रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि सभी बच्चे अपने माता-पिता की तरह कोरोना महामारी के कारण हमेशा मजदूरी करते रहें। उनकी शिक्षा देते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। जिनमें यह देखा जा सकता है कि, वह मजदूरों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।
शांथप्पा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ‘ प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा का पूरा अधिकार है। उनकी कोई भी गलती नहीं है कि, वह स्कूल नहीं जा सकते या फिर ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। मैं नहीं चाहता हूं कि यह बच्चे अपने माता-पिता की तरह ही शिक्षा से वंचित रह जाएं और मजदूरी करते रहे। मैं चाहता हूं कि, यह बच्चे सिर्फ पढ़ाई करें यह मेरे लिए प्राथमिकता है।’
लोग कर रहे तारीफ
शांथप्पा इन सभी प्रवासी मजदूरों के बच्चों को समय निकालकर फ्री में शिक्षा देते हैं, जोकि काफी सराहना के योग्य है। उनके इस कार्य की लोग काफी तारीफें कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं।
उन्होंने इन बच्चों की सहायता करके एक मिसाल कायम की है और उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं, जो इसी तरह अपना समय निकालकर बच्चों की सहायता कर सकते हैं।