नई दिल्ली। इन दिनों कोरोना के चलते हर किसी का काम-धाम पूरा तरह से ढप्प हो चुका है।कोरोना का असर लोगों पर इतना ज्यादा हुआ है कि लोग बीमारी के साथ साथ घर से बेघर होने से ज्यादा परेशान हुए है।इस साल कोरोना के कारण हर किसी को समस्या का सामना करना पड़ा है। ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है एक ऐसा परिवार जहां पर कमाने वाला ना होने के चलते एक छोटी से बच्ची ने खुद घर के सदस्यों के पेट भरने के लिए कमाने का सोचा इस छोटी सी बच्ची की कड़ी मेहनत को देखकर सीख मिलती है कि अगर हर जगह से रास्ता बंद हो जाए तो हमें घबराना नहीं चाहिए।
14 वर्षीय नंदिनी रिक्शा चलाने को हुई मजबूर
आपको बता दे कि बिहार के सासाराम जिले के बौलिया की रहने वाली 14 साल की नंदिनी आज हर किसी के लिए मिसाल बन कर सामने आई है। बताया जाता है कि परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने के कारण इस बच्ची ने ऐसा कदम उठाया जो हर किसी को एक बड़ी सीख दिलाती है।
बच्ची ने नही देखा आज तक स्कूल का चेहरा
घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण नंदिनी दूसरों के घर पर चूल्हे चौका और बर्तन मांजने का काम करती है और मुश्किलों से ही पैसे जमा कर पाती है। उसके पिता पहले रिक्शा चलाया करते हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो भी चलना बंद हो गया था। पिता को घर पर बैठा देख नंदिनी ने घर का सारा बोझ अपने सर पर ले लिया और सोचा कि वह एक लड़की है और उसे रिक्शा चलाने पर कोई नहीं रोकेगा। ऐसे में नंदिनी ने रिक्शा चलाना सीखा और अपने मन में परिवार को पालने की ठान ली।
सुबह होते ही नंदिनी निकल पड़ती है सवारी की तलाश में
इसके बाद वह रोज रिक्शा लेकर निकल जाती और दिन में कुछ पैसे कमा लेती। नंदिनी की मानें तो उसने रिक्शा चलाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह किसी दूसरे का सहारा बनकर नही जीना चाहती था। आज यह 14 साल की बच्ची सबके लिए मिशाल बन गई है।