बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा पूरे देश भर में लगाए गए लॉकडाउन में हजारों लाखों लोगों की सहायता की और उन्हें घर तक पहुंचाया। लॉकडाउन के समय ही नहीं बल्कि आज भी सोनू सूद बच्चों की पढ़ाई के लिए काम कर रहे हैं। सोनू के द्वारा इस तरह के सराहनीय कार्यों को लेकर लोग लगातार उनकी तारीफें कर रहे हैं। जो फिल्मों में हीरो और विलेन के तौर पर सामने आते थे, वे आज रियल लाइफ के हीरो बन चुके हैं।

10 करोड़ रुपए के कर्जे में डूब चुके हैं सोनू सूद

लॉकडाउन के बाद मुसीबत में फंसे हुए लाखों मजदूरों की मदद करने वाले रियल लाइफ हीरो के बारे में यह बात शायद ही कोई जानता हो कि, इंसानियत दिखाकर लोगों की सेवा करने वाले खुद ही 10 करोड़ रुपए के कर्जे में डूब चुके हैं। सोनू सूद ने अपनी संपत्ति भी गिरवी रखी, जिसके बाद बैंकों से कर्जा लिया। सोनू सूद ने भी कर्ज लेने वाली बातों से इनकार नहीं किया है, लेकिन वह इन बातों को सामने लाने से बचते दिखाई दे रहे हैं। इस बारे में सोनू सूद की बहन मालविका ने बताया है कि, ‘ वे लोगों की सेवा के लिए कर्जा लेने की बात को उजागर नहीं करना चाहते हैं, ना तो किसी के सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं’।

लोगों को तकलीफ में नहीं देख पाते हैं सोनू सूद

उन्होंने बताया कि, ‘सोनू सूद किसी को भी तकलीफ में नहीं देख सकते। किसी की मदद के लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े, वह कर सकते हैं। कर्जा तो कुछ समय में चुका दिया जा सकता है, लेकिन लोगों की सहायता का मौका बार-बार नहीं मिलता है। सोनू सूद ने जो भी किया है, हम सब उस से बहुत प्रसन्न है’।

सोनू सूद की मां सरोज सूद मोगा शहर के सबसे पुराने डी एम कालेज में अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष रह चुकी है। जो छात्र आर्थिक कारणों से पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पर मजबूर हो जाते थे। वे उनके घर जाती थी, उन्हें वापस कॉलेज लेकर आती और फीस भी देती। अपनी सैलरी का बड़ा हिस्सा छात्रों की सहायता के लिए खर्च करती थी। सोनू सूद ने बचपन से जो भी अपनी मां से सीखा वही आज वह स्वयं कर रहे हैं।

कभी जहां खुद कचरा उठाते थे, आज वही पर बना उनका आलीशान होटल

सोनू सूद के पिता शक्ति सूद के नाम पर उन्होंने 6 मंजिल का होटल लिया है। जब उन्होंने यह जगह ली थी, तो वहां पर लोग काफी कचरा फेंकते थे। उन्होंने लोगों से काफी आग्रह किया, लेकिन लोगों ने एक भी नहीं सुनी। सब कहते थे कि, वे यहां 30 साल से कचरा फेंकते है, अब कहां जाएंगे? इसके बाद सोनू ने किसी से भी कचरा फेंकने से मना नहीं किया और खुद कचरे को उठाने लगे। लोगों का कचरा वे हर दिन उठाते। वहां पर जिन-जिन क्षेत्रों कचरा आता था, वहां पर बड़ा डस्टबिन रखवा दिया। गाड़ी रोज कचरे को उठाकर ले जाते थे। उसी जगह पर आज यह आलीशान होटल बना हुआ है।

अपने प्रशंसक के लिए बुक कराया हवाई जहाज का टिकट

सोनू सूद बहुत ही भावुक है, उनका एक प्रशंसक अरमान बिहार से उनसे मिलने मुंबई के लिए साइकिल से रवाना हुआ था। सोनू ने सोचा कि, उसे साइकिल से मुंबई आने में काफी तकलीफ होगी। इसलिए उन्होंने बनारस से हवाई जहाज का टिकट बुक कराया। सोनू सूद की इस तरह की दरियादिली को लोक साला हम कर रहे हैं।

Urvashi Srivastava

मेरा नाम उर्वशी श्रीवास्तव है. मैं इंडिया न्यूज़ वेबसाइट पर कंटेंट राइटर के तौर...