शादी का रिश्ता कितना पवित्र होता है, इसकी एक मिसाल कायम करने वाली एक खबर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आई है. दुल्हन आरती और दूल्हे अवधेश की शादी ने ये साबित किया है कि शादी के रिश्ते में शर्तें नहीं होती. दरअसल अवधेश और आरती की शादी से ठीक पहले आरती का एक्सीडेंट हो गया. इस दुर्घटना में दुल्हन आरती की रीढ़ की हड्डी टूट गई. शुरू में तो लड़की वालों को लगा कि अब क्या होगा. लेकिन दूल्हे ने कोई शर्त न रखते हुए स्ट्रेचर पर लेटी आरती से शादी की.

शादी के दिन टूटी दुल्हन की रीढ़ की हड्डी

आमतौर पर इस तरह की मिसालें फिल्मों में देखने को मिलती है. अभिनेता शाहिद कपूर और अभिनेत्री अमृता राव की फिल्म विवाह में कुछ ऐसा ही हुआ था. लेकिन वो सिनेमाई कहानी थी ये असल जिंदगी की कहानी है. शुरुआत में तो सवाल खड़ा हो गया कि दुल्हन जब अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती तो ये विवाह कैसे होगा. लेकिन दूल्हे की इच्छाशक्ति से दुल्हन को स्ट्रेचर की मदद से फेरे कराए गए और अवधेश ने आरती की मांग में सिंदूर भरा.

भतीजे को बचाने में छत से नीचे आ गिरी आरती

दरअसल, प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में रहने वाली आरती की शादी की तैयारियां पूरी हो गई थीं और 8 दिसम्बर की शाम को बारात आने वाली थी लेकिन दोपहर में छत पर खेल रहे अपने तीन साल के भतीजे को बचाने के चक्कर में आरती छत से नीचे आ गिरी. हादसे में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और दोनों पैरों की ताकत चली गई. घर वालों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

अवधेश  ने कहा आरती ही बनेगी जीवनसंगिनी

दूल्हे अवधेश के घर वालों को इसकी सूचना दी गई तो उसके घर से दो लोग पता करने पहुंचे. मामले की सच्चाई और घटना की जानकारी दूल्हे अवधेश को भी दी गई. आरती के घर वालों ने अवधेश से आरती की छोटी बहन से शादी कर लेने की बात कही लेकिन अवधेश ने ठान लिया था कि आरती ही उसकी जीवनसंगिनी बनेगी चाहे कुछ भी हो, वो जीवन भर उसका साथ निभाएगा. अवधेश अपनी धर्म पत्नी आरती का पूरा ख्याल रखता है. पास खड़े रिश्तेदार और घरवाले इन दोनों के हौसले और हिम्मत को सलाम करते हैं.

अवधेश ने बेड में लेटे हुए आरती के साथ लिए फेरे

वहीं, आरती के घरवाले डॉक्टर से बातचीत कर एक दिन के लिए उसे एम्बुलेंस से वापस कुंडा ले गए जहां अवधेश और बेड में लेटे हुए आरती के सात फेरे और रस्म अदायगी हुई. उसके बाद वापस आरती को प्रयागराज के इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अवधेश और आरती अपने आपको बहुत खुशकिस्मत मानते हैं कि जहां परेशानी में परछाई भी साथ छोड़ देती है, ऐसे में एक-दूसरे का साथ देकर लोगों के लिए मिसाल बन बैठे हैं. ये रियल लाइफ के हीरो बन गए हैं. इन दोनों के इस फैसले से हर कोई इनकी जमकर तारीफ कर रहा है. फिलहाल अस्पताल में आरती का इलाज चल रहा है. परिजनों का कहना है कि एक बार आरती ठीक हो जाए तो धूमधाम से बाकी चीजें करेंगे.

Supriya Singh

मेरा नाम सुप्रिया सिंह है और मै INDIA NEWS INC में लेखक के पद पर कार्यरत हूँ, मुझे मनोरंजन...